तात्या टोपे ने गुरिल्ला युद्ध से अंग्रेजों के छुड़ा दिए थे छक्के, 211वीं जन्म जयंती पर शिवपुरी के लोगों ने किया याद।
शिवपुरी - सोमवार को सन 1857 की क्रांति के प्रमुख योद्धा रहे वीर शहीद तात्या टोपे की 211वीं जन्म जयंती मनाई गई। इस दौरान तात्या टोपे की प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित के साथ ही गायत्री परिवार द्वारा दीप यज्ञ का आयोजन कर उन्हें याद किया गया।
क्रांतिकारी तात्या टोपे को शिवपुरी में फांसी की सजा दी गई थी। गौरतलब है कि शहीद तात्या टोपे को 18 अप्रैल 1859 को अंग्रेजों ने धोखे से पकड़कर शिवपुरी में फांसी दी थी। वीर शहीद तात्या टोपे का शिवपुरी में प्रतिमा स्थल है। तात्या टोपे की जन्म जयंती के मौके पर पूर्व विधायक प्रह्लाद भारती ने कहा कि तात्या टोपे ने अपने गुरिल्ला युद्ध से अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे। आखिरी सांस तक तात्या टोपे अंग्रेजो के खिलाफ लड़ते रहे और देश की आजादी के लिए उन्होंने हर जगह सेना बनाई और सेना बनाकर अंग्रेजों से लोहा लिया।
समाजसेवी नरोत्तम वर्मा खरई ने कहा कि सन 1857 की क्रांति में वीर शहीद तात्या टोपे ने झांसी की रानी के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लिया था। बाद में अंग्रेजों ने तात्या टोपे को धोखे से पकड़ लिया जिसके बाद शिवपुरी में उनके खिलाफ मुकदमा चलाकर उन्हें फांसी दे दी गई।
उनकी जन्म जयंती के मौके पर प्रतिमा स्थल पर गायत्री परिवार के अलावा डॉ. खरे, दिग्विजय सिकरवार, अमित सोनी, रामलखन गुरावल, मस्तराम वर्मा, ललित सोनी, विपिन धाकड़ सहित शहर के लोग पहुंचे थे।