ग्वालियर: सकल हिंदू समाज द्वारा भगवान श्री परशुराम पालकी समिति के तत्वाधान में भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव दिनांक 22 अप्रैल शनिवार को प्रातः 7:00 बजे 100 वर्ष पुराना प्राचीन भगवान श्री परशुराम परिवार मंदिर , नई सड़क , आप्टे की पाएगा से निकाली जाने वाली भगवान श्री परशुराम पालकी के लिए आज भगवान परशुरामेश्वरम मंदिर पर पूजा अर्चना के साथ भगवान परशुराम की जन्मस्थली जमदारा के लिए ग्वालियर से सप्तऋषि यात्रा को श्री परशुराम अमृत कलश लेने रवाना समिति के संस्थापक डॉक्टर जयवीर भारद्वाज, स्वागताध्यक्ष प्रकाश नारायण शर्मा, अध्यक्ष तीरथ मिश्रा, संयुक्त अध्यक्ष रामनारायण मिश्रा, महिला संयोजिका लक्ष्मी शर्मा , युवा संयोजक नितिन मिश्रा, महामंत्री सोनू बाजपेई,ब्राह्मण सभा मुरार के अध्यक्ष नरेश कटारे, सनाढ्य सभा मुरार के अध्यक्ष महेश शर्मा ,चल समारोह संयोजक राजेश नायक, युवा संयोजक रवि आनंद गौड़ के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ध्वज पताका दिखाकर रवाना किया। पूजन पंडित गिरिराज गुरु के आचार्यत्व में संपन्न हुआ। 5100 रूद्राक्ष का पूजन 10 अप्रैल को मुरार श्री परशुराम मंदिर पर होगा।
संस्थापक डॉक्टर जयवीर भारद्वाज ने कहा कि भगवान श्री परशुराम पालकी समिति ने आज एकता का संदेश देते हुए एक मिसाल कायम की। जमदारा में समाजसेवी अशोक भारद्वाज सहित अनेकों ने किया।
इस अवसर पर आज वक्ताओं ने कहा कि भगवान परशुराम जी ने सभी के कल्याण के लिए कार्य किए। आज उनकी जन्मस्थली पर जाने का सौभाग्य सभी को मिला लेकिन जन्म स्थली का विकास करने के लिए पूर्व में जमदारा में माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की लेकिन आज तक जमदारा का विकास नहीं हुआ । आज भी उपेक्षित है। लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी इसका विकास कराएं। हर घर में रूद्राक्ष एवं भगवान परशुराम जी का चित्र होना चाहिए। जिससे सकल हिंदू समाज की भावना जागृत हो सकेंगी।
यात्रा श्री परशुरामेश्वरम मंदिर, रामकुई,सौ साल पुराना भगवान श्री परशुराम परिवार मंदिर, नई सड़क पर पूजा कर मुख्य मार्ग से होकर घास मंडी श्री परशुराम मंदिर पर पूजन कर जमदारा पहुंची।
जमींदारा में भगवान परशुराम की समिति ने सुरेंद्र शर्मा पूर्व सरपंच ,मुकेश महाटोलिया, राजेश शर्मा , संदीप शर्मा को शाल, स्मृति चिन्ह ,श्रीफल देकर श्री परशुराम सेवक से सम्मानित किया। कश्यप ऋषि की सेवादारी श्रीमती लक्ष्मी शर्मा, प्रकाश नारायण शर्मा, श्री अगस्त्य ऋषि की सेवादारी हन्नी शर्मा, धर्मेन्द्र गौड़,भृगु ऋषि की सेवादारी सुलेखा शर्मा, नितिन मिश्रा,वशिष्ठ ऋषि की सेवादारी नेहा कौल, सोनू बाजपेई, भारद्वाज ऋषि की सेवादारी सरला शर्मा, तीरथ मिश्रा, अत्रि ऋषि की सेवादारी लक्ष्मी शर्मा , गौतम ऋषि की सेवादारी सुधा दीक्षित रवि आनंद गौड़ ने अपने दायित्व का निर्वाह किया।
यात्रा में 108 श्री परशुराम पालकी समिति के सदस्यों ने भागीदारी की। जिसमें देवेन्द्र दुबे, जिझौतिया ब्राह्मण समाज प्रदेश संयोजक रामनारायण मिश्रा, भार्गव समाज के पूर्व अध्यक्ष श्याम बाबू शर्मा, ललिता प्रसाद मिश्रा, राम प्रकाश शर्मा, संयुक्त महामंत्री हेमंत एडिशन शर्मा, युवा संयोजक नितिन मिश्रा, महामंत्री सोनू बाजपेई,चल समारोह के संयोजक यतेंद्र तिवारी, अर्चना भारद्वाज,महामंत्री रामबाबू शर्मा, राजीव थापक, नरेश पचौरी सूरो, राघवेंद्र मुद्गल, प्रदीप शर्मा, विरेन्द्र दंडोतिया ,मनोज शर्मा, विक्की शर्मा ,श्याम पाठक,राम पाठक, विनोद भार्गव, वीरेंद्र उपाध्याय, रामबाबू शर्मा, देवेंद्र दुबे,रामकिशन शर्मा ,राघवेंद्र शर्मा रविंद्र कवि सहित अनेकों उपस्थित थे।
22 अप्रैल - प्रातः 7 00 बजे नई सड़क प्राचीन भगवान श्री परशुराम परिवार मंदिर, से भगवान श्री परशुराम पालकी निकाली जाएगी।
23 अप्रैल -मुरार मंदिर से में भगवान श्री परशुराम चल समारोह निकाला जाएगा।
30 अप्रैल - भगवान श्री परशुराम चल समारोह सायं काल 5 बजे श्री अचलेश्वर मंदिर से निकलेगा।
संस्थापक डॉ जयवीर भारद्वाज