मन की बात
आदरणीय नरेंद्र मोदी जी को प्रेषित।
हर्ष फायर vs सत्ता की नपुंसकता
बेकाबू डीजे vs प्रशासन की मिलीभगत।
✍राज्यवर्धन सिंह गौर
यूं तो सत्ता हो या प्रशासन हादसे होने के बाद बड़ी बड़ी डींगें हाँकता है लेकिन दुर्घटना होने के महज एक सप्ताह बाद ही सब सामान्य हो जाता है और आवाम की जिंदगी फिर पटरी पर लौट आती है।
आये दिन हर्ष फायर से देश भर में हर सप्ताह हर महीने किसी न किसी की जान जाती है फिर भी सरकार आँख पर पट्टी बांधी रहती है ।
*आखिर ये शस्त्र लाइसेंस क्यों आवंटित हुए?*
दशकों पहले जब दस्यु ग्रस्त इलाके थे तब आत्म रक्षा के लिए सरकार ने शस्त्र लाइसेंस का आवंटन शुरू किया लेकिन अब इन्हें अपने स्टेटस का सिंबल बना लिया गया है।एक शहर के बीचों बीच आवासीय परिसर जो पहले से सिक्योरिटी गार्ड और सीसीटीवी की निगरानी से परिपूर्ण है फिर यहाँ बसे इन धनाढ्य लोगों को क्यों शस्त्र लाइसेंस ?
*जहाँ दस्यु या डकैत समस्या नहीं वहा शस्त्र लाइसेंस क्यों ?*
मेरा मानना है मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान में दस्यु समस्या अब नही के समान है।
अतः एक बार पुनः इन राज्यों में आवंटित किए गए शस्त्र लाइसेंस का निरीक्षण किया जाए, जिन्हें वाकई आवश्यकता है उन्हें दिए जाएं जो धनाढ्य वर्ग के लाइसेंसधारी है वे तो पहले से ही सुरक्षा गार्ड लेकर चलते है अतः इनके लाइसेंसों पर पुनर्विचार किया जाए।जिससे शादी समारोह में हर्ष फायरिंग की घटनाओं में कमी आएगी
आत्मरक्षा के लिए आप तलवार चलाना सीखिए।
लाठी चलाना सीखिए।
मेरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सविनय निवेदन है कि देश में जो भी शस्त्र लाइसेंसों का आम नागरिकों को आवंटन किया गया है उनका पुनः निरीक्षण किया जाए और जिन्हें वाकई आवश्यक है उन्ही के लाइसेंस वैधानिक रूप से सही ठहराए जाएं बाकी निरस्त किये जायें ताकि देश भर में हर्ष फायर से हो रही मौतों से किसी का परिवार न उजड़े।
मन की बात
आदरणीय नरेंद्र मोदी जी