औपनिवेशिक मानसिकता के उच्चाटन से ही हम विश्वगुरु बनेंगे:गौतम
साहित्य परिषद की नवसंवत्सर पर गोष्ठी सम्पन्न।
शिवपुरी:अखिल भारतीय साहित्य परिषद का प्रतिवर्षवार्षिक आयोजन इस वर्ष भी गोष्ठी रूप में स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर शिवपुरी में औपनिवेशिक मानसिकता का उच्चाटन विषय पर आयोजित किया गया,जिसमे मुख्य अतिथि शिक्षाविद पुरुषोत्तम गौतम तो मुख्य वक्ता वरिष्ठ लेखक प्रमोद भार्गव रहे।तदुपरांत काव्य गोष्ठी का आयोजन भी नवसंवत्सर उपलक्ष्य में आयोजित की गई।
सर्वप्रथम माँ भारती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ववलन किया गया,अतिथियों का स्वागत किया गया,तत्पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पुरुषोत्तम गौतम ने कहा कि मैक्स की रिपोर्ट के आधार पर अंग्रेजों ने सबसे पहले संस्कृत भाषा व संस्कृत भाषा के विद्वानों पर प्रहार शुरू किए,उन्हें प्रताड़ित कर ये संदेश भेजा कि संस्कृत भाषा व विद्वानों का दमनचक्र अंग्रेजो का एकमात्र उद्देश्य है,इसके पीछे की सोच यही रही कि भारतीय संस्कृति की आधार भाषा व समस्त भाषाओं की जननी संस्कृत को निशाने पर लेकर भारतीय गौरव वेद वाणी से भारतीयों को दूर किया जाए,औपनिवेशिकता को स्थापित किया जाए,जब तक औपनिवेशिक मानसिकता का उच्चाटन नही होगा तब तक हम विश्वगुरु नही बन सकते।अर्थात भारतीय सभ्यता और संस्कृति की सम्पूर्ण जानकारी नही होगी तब तक विश्व का मार्गदर्शन जगत का कल्याण नही कर सकते।
मुख्य वक्ता प्रमोद भार्गव ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि देश का दुर्भाग्य देखिए कि आज भी कॉन्वेन्ट स्कूल में बच्चों को पढ़ाना प्रगति कारक माना जाता है,जबकि संस्कृत या हिंदी का अध्ययन आज भी पिछड़ापन माना जाता है।छोटे छोटे औपनिवेशिक जो स्थापित किये गए उनके चिन्ह आज भी मन मस्तिष्क में स्थापित किये जा चुके है।ये समय अब परिवर्तन का है,इन विषयों को लेकर जन जागरण कर हम स्व का जागरण कर संस्कृति व गौरवशाली इतिहास की जानकारी सभी जन तक पंहुचा हम राष्ट्र के नव जागरण में महती भूमिका प्रतिपादित कर सकते है।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांत महामंत्री आशुतोष शर्मा ने इस अवसर पर बताया कि हमारे तीन वार्षिक नियमित आयोजन है जिसमे पहला ये नवसंवत्सर का दूसरा वेद व्यास जयंती तो तीसरा वाल्मीकि जयंती का है,इसी आयोजन के क्रम में आज औपनिवेशिक मानसिकता के उच्चाटन विषय पर गोष्ठी रूप में हम सब एकत्रित हुए है,इस सत्र में समाजसेविका शुभ्रा शर्मा भी मंचासीन रही,इस सत्र का संचालन जिलाध्यक्ष प्रदीप अवस्थी ने किया।ततपश्चात दूसरा सत्र श्याम शर्मा बदरवास के संचालन में काव्य गोष्ठी का आयोजित हुआ,जिसमे नवरात्रि के आरंभ रूप में नारीशक्ति की प्रतीक अंजली गुप्ता, कल्पना सिनोरिया,समीक्षा भार्गव के आतिथ्य में काव्य गोष्ठी हुई,जिसमे सुरेश शर्मा,आशीष पटेरिया,प्रदीप अवस्थी,रमन शर्मा,बसंत श्रीवास्तव,आशुतोष ओज, शुभ्रा शर्मा,यशवंत भार्गव,आशीष खटीक,श्याम बिहारी धाकड़ सरल,शरद गोस्वामी,ने नवसंवत्सर उपलक्ष्य में अपनी अपनी कविता प्रस्तुत की,अंत मे जिलाध्यक्ष साहित्य परिषद प्रदीप अवस्थी ने सभी का आभार माना।