शिवपुरी : महाराणा प्रताप की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन संपन्न। बच्चे देश का उज्जवल भविष्य:- गुरुजी संत कृपाल महाराज।

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महाराणा प्रताप की स्मृति में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन संपन्न।

 बच्चे देश का उज्जवल भविष्य:- गुरुजी संत कृपाल महाराज 

शिवपुरी:भारतीय शौर्य के प्रमाण महानायक महाराणा  प्रताप की स्मृति में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन महाराणा प्रताप की प्रतिमा झांसी तिराहा शिवपुरी में सम्पन्न हुआ,देर रात तक चले कवि सम्मेलन में मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय ओज कवि गौरव चौहान रहे जिन्होंने श्रोताओं को अपनी कविताओं से मंत्र मुग्ध किया,कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में ध्यान गुरु रघुवीर सिंह गौर पूरे समय मौजूद रहे।

कवि सम्मेलन का शुभारंभ क्षत्रिय महासभा के युवा पदाधिकारियो द्वारा रघुवीर सिंह गौर व उपस्थित कवि गौरव चौहान इटावा,प्रतीक चौहान भिंड,सुकून शिवपुरी, आशुतोष ओज शिवपुरी, सौरभ सरस करेरा,राजकुमार चौहान व महेश महाकाल शिवपुरी का स्वागत कर किया।तत्पश्चात ओज कवि आशुतोष ओज के संचालन में कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ।सर्वप्रथम कवि राजकुमार चौहान ने ज्ञान की वरदायिनी देवी माँ शारदे की आराधना प्रस्तुत की,उनके बाद करेरा से पधारे गीतकार सौरभ तिवारी सरस ने

हाथ तलवार,कि सीने पे घाव रखते हैं

शीश कट जाए,मगर आवो-ताव रखते हैं

यही तो शान है , पहचान वीर क्षत्रिय की

दिल मे तूफान,कि मूछों पे ताव रखते हैं प्रस्तुत कर सभी का दिल जीता।बाद के क्रम में कवि महेश महाकाल और राजकुमार चौहान ने टप टप टापें भरता चेतक,पवन वेग उड़ जाता था।

रुण्ड मुण्ड कर दुश्मन को राणा,भैरव राग सुनाता था।।

आज जयंती उसी वीर की,उसकी गाथा गाते हैं।

क्षत्रिय कुल का वह सूर्य जिसे,

हम नित नित शीश झुकाते हैं।।

महाराणा  प्रताप को समर्पित अपनी कविता प्रस्तुत की।

भिंड से आये प्रसिद्ध गीतकार प्रतीक चौहान ने स्वप्न  स्वाहा  हुए तो  हवन हो गया

नैन  झरने   झरे  आचमन  हो   गया

पीर लय  में  घुली  आरती  हो  गयी

दर्द को स्वर मिला तो भजन हो गया,सुनाकर कवि सम्मेलन को ऊंचाइयों पर पहुचाया,शिवपुरी के  होनहार गीतकार प्रदीप दुबे सुकून शिवपुरी ने अपने गीत आज बरसों में मग़रुर लोगों का सर शर्म से झुक गया है बड़ी बात है।

आंधियों के मुक़ाबिल अगर दोस्तो एक दिया जल रहा है बड़ी बात है सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध किया।ततपश्चात संचालन कर रहे ओज के स्वर शिवपुरी के आशुतोष ओज ने देश की स्वतंत्रता को स्वयम का किया था दान,उन बलिदानियों को कौन भूल पायेगा, काल के कपाल गीत बार बार गाये जब बलिदानियों का शौर्य कैसे धूल खायेगा,प्रस्तुत कर बलिदानियों को नमन किया,सभी की तालिया बटौरी।

अंत मे इटावा से आये कवि गौरव चौहान ने हल्दी घाटी की वही पुरानी रीत तुम पढ़ लेना,महाराणा के रूप में तुम भी नव इतिहास को गढ़ लेना सुनाकर कवि सम्मेलन को सफल बनाया।देर रात कवि सम्मेलन चलता रहा,रात भर कवि सम्मेलन के शौकीन श्रोता मंत्र मुग्ध होकर कविताओं का रसपान करते रहे।अंत मे क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष एस के एस चौहान ने सभी का आभार ज्ञापित किया,व कवियों व अन्य महानुभावों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।एक और सफल आयोजन कवि सम्मेलन के रूप में भव्यता के साथ संपन्न हुआ। दिन में आयोजित हुए सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संत कृपाल महाराज अध्यात्म निकेतन ग्वालियर उपस्थित थे. सम्मान समारोह में बच्चों को संबोधित करते हुए गुरुजी संत कृपाल महाराज ने कहा कि बच्चे देश का उज्जवल भविष्य  है उनकी बेहतर निर्माण के लिए सभी संकल्पित होकर अच्छा कार्य करे। गुरुजी ने कहा जो बच्चे आज सम्मानित हो रहे हैं वह भविष्य में विभिन्न पदों पर रहकर अपने परिवार और समाज का नाम रोशन करेंगे. संस्कारों के साथ अत्यधिक प्रयास करते हुए अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहे रहे.

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