शिवपुरी शुभ घड़ी आई,जन्मे कृष्ण कन्हाई... सभी जगह धूमधाम से मनाया कृष्ण जन्माष्टमी का जश्न

Goonjta Bharat
0

 


*शिवपुरी शुभ घड़ी आई,जन्मे कृष्ण कन्हाई... सभी जगह धूमधाम से मनाया कृष्ण जन्माष्टमी का जश्न -:*

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि को हुआ था!जन्माष्ट्मी पर्व का विशेष महत्त्व है! जन्माष्टमी का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है । हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्ट्मी तिथि को जन्म अष्ट्मी मनाई जाती है! इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है,और कई जगह धार्मिक अनुष्ठान किये जाते हैं । इस दिन लोग व्रत रखकर पूजा पाठ करते हैं । 









जो भक्त जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, वे एक दिन पूर्व केवल एक ही समय भोजन करते हैं जन्माष्टमी व्रत पूरे दिन रखने के बाद अगले दिन रोहणी नक्षत्र और अष्ट्मी तिथि समाप्त होने के बाद ही व्रत पारण का संकल्प लेते हैं ।कान्हा को भोग में अर्पित की गई पंजीरी, पंचामृत और माखन से व्रत खोल सकते हैं जन्माष्टमी व्रत का पारण सभी को प्रसाद बांटने के बाद कान्हा के भोग से खोलना चाहिए । और कान्हा के जन्म का उत्सव मनाते हैं! इसी के साथ ही जन्माष्टमी पर मंदिर से लेकर घरों में लड्डू गोपाल की भव्य झाँकियां तैयार की जाती हैं! लड्डू गोपाल को विशेष मिठाइयों का भोग लगाया जाता है और शिवपुरी में राधा कृष्ण मंदिर रौशनी से जगमगाया, मंदिरो में भजन कीर्तन सुन्दर राधा कृष्ण झंकियों का आयोजन किया गया भक्तों ने खूब झंकियों का आनंद लिया वे कृष्ण भक्ति में डूबे हुए दिखे! जय कन्हैया लाल की हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)