जानकी सेना की प्रथम सदस्य प्रशिक्षण कार्यशाला गरिमामयी ढंग से संपन्न
सुंदरकांड के वैज्ञानिक महत्व के साथ अतिथि विद्वानों ने समझाया संगठन का महत्व
शिवपुरी। देश-विदेश में सुंदरकांड के माध्यम से धर्म जागरण कार्य करने वाले सेवाभावी अखिल भारतीय जानकी सेना संगठन ने विगत दिवस एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया । रविवार 29 सितंबर को अखिल भारतीय जानकी सेना संगठन के तत्वाधान में होटल मातोश्री में बहु प्रतीक्षित " सदस्य प्रशिक्षण कार्यशाला " कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां सैंकड़ों कर्मठ संगठन सदस्य और महिला सदस्य बहनें शामिल हुईं। कार्यशाला में अतिथि विद्वानों द्वारा सदस्यों को उद्बोधन के माध्यम से संगठन के महत्व सुंदरकांड के वैज्ञानिक महत्व और संगठन के प्रति सदस्यों के दायित्व निर्वाहन हेतु प्रशिक्षण दिया गया।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से वर्ल्ड स्पिरिचुअल फाउंडेशन के फाउंडर गुरुदेव डॉ रघुवीर सिंह गौर, प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार, प्रोफेसर श्रीमती पल्लवी गोयल,शिक्षाविद् शिवा पाराशर, वरिष्ठ मार्गदर्शक महाराज अजय शंकर भार्गव, वरिष्ठ लेखक एवं पत्रकार प्रमोद भार्गव, वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ श्री गिरीश चतुर्वेदी उपस्थित रहे जिन्होंने अलग-अलग संगठात्मक विषयों पर अपनी बात रखी।
आयोजन में संगठन सदस्यों और महिला सदस्य बहनों का शानदार अनुशासन देखने को मिला यह प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजन पूरे 5 घंटे तक चला जिसमें सभी सदस्यों ने दृढ़ संकल्प के साथ इस पूरे कार्यक्रम में विद्वानों के उद्बोधन को पूरा ध्यान पूर्वक सुना और उसको अनुसरण करने हेतु विश्वास दिलाया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बताते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत ने कहा कि संगठन के प्रति सदस्यों की आस्था को मजबूत करने के साथ ही उन्हें भावनात्मक रूप से जुड़ने का आह्वान अतिथि विद्वान को उद्बोधन के द्वारा कराया गया है इस अति महत्वपूर्ण आयोजन में मुख्य रूप से जिन विषयों पर चर्चा की गई वह इस प्रकार रहे,सुंदरकांड का वैज्ञानिक महत्व/ संगठन में सदस्यों का दायित्व निर्वहन,सनातन हिन्दू संस्कृति, आध्यात्मिकता से जुडे मूल्यों कि वर्तमान परिवेश में प्रासंगिकता और इस परिप्रेक्ष्य में संगठन की भूमिका संगठन में अनुशासन का महत्व,वर्तमान परिवेश में संगठन का महत्व,संगठन शक्ति का सदुपयोगी महत्व संगठन में सदस्यों के समर्पण का महत्व,संगठन में सदस्यों के मध्य समानान्तर का महत्व,संगठनात्मक लाभ,संगठन में सदस्यों का महत्व जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई यहां पर उपस्थित लोगों द्वारा विद्वानों के समक्ष प्रश्न भी किए गए। कार्यक्रम समापन के दौरान सभी अतिथि जनों को शॉल श्रीफल और राम दरबार भेंट कर सम्मानित किया गया था।