शिवपुरी : इन्द्र के नहीं बल्कि हरेक अभिमानी के अभिमान को दूर करने भगवान ने कराई गोवर्धन पूजा : अंकुश तिवारी महाराज। शगुन वाटिका में उत्साह और उल्लास के साथ हुई गोवर्धन पूजा, कथा आयोजक पंसारी परिक्रमा, बंटा अन्नकूट प्रसाद।

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इन्द्र के नहीं बल्कि हरेक अभिमानी के अभिमान को दूर करने भगवान ने कराई गोवर्धन पूजा : अंकुश तिवारी महाराज।

शगुन वाटिका में उत्साह और उल्लास के साथ हुई गोवर्धन पूजा, कथा आयोजक पंसारी परिवार ने की गोवर्धन परिक्रमा, बंटा अन्नकूट प्रसाद।

शिवपुरी- जब - जब अधर्म और अभिमान का प्रकोप बढ़ता है तब - तब भगवान ने अपनी विभिन्न लीलाओं के माध्यम से ऐसे अभिमानियों को उनकी गलती का एहसास कराया और श्रृष्टि रक्षा की, श्रीमद भागवत कथा में भी इंद्र का ही अभिमान नहीं बल्कि हरेक अभिमानियों के अभिमान को दूर करते हुए भगवान ने श्रीगोवर्धन पूजा कराई और आज उसी गोवर्धन में श्रद्धा का सैलाब हर माह उमड़ रहा है, इसलिए मनुष्य किसी भी प्रकार का अभिमान ना पाले कि उसने फला काम कर दिया तो यह उसकी वजह से हुआ बल्कि अपने द्वारा की गई किसी भी प्रकार की मदद हो या सहयोग उसे ईश्वर स्वरुप मानकर ही करना चाहिए तभी यह मानव जीवन सार्थक होगा। इंद्र के अभिमान को तोड़ते हुए श्रीगोवर्धन पूजा का यह तत्व बताया व्यासपीठ से पंडित अंकुश तिवारी जी महाराज ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में पंसारी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में गोवर्धन पूजा कथा वृतान्त का उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रवण करा रहे थे। इस दौरान कथा के यजमान समाजसेवी पंसारी परिवार के श्रीमती पिस्ता-राधेश्याम गुप्ता, श्रीमती मंजू-पंकज कुमार एवं श्रीमती ऋचा-विनय गुप्ता परिजनों के द्वारा श्रीमद् भागवत पूजन व श्रीगोवर्धन पूजन किया गया तत्पश्चात गोवर्धन परिक्रमा करते हुए उत्साह और उल्लास के साथ श्रीगोवर्धन पूजा के भजन गाए गए। इस अवसर पर कथावाचक अंकुश तिवारी ने इस संसार के हरेक मनुष्य को उसके बोध कराते हुए कहा कि किसी भी रूप में हमें अभिमान नहीं करना चाहिए बल्कि विनम्रता और सहजता से अपने कार्यों को करना चाहिए, यह सरल-सहज स्वभाव अपने संस्कारों के साथ आने वाली पीढ़ी में भी दें ताकि हरेक घर-परिवार में सरलता, सहजता और विनम्रता बनी रहे। इसके साथ ही कथा विश्राम के दौरान आयोजक पंसारी परिवार के द्वारा श्रद्धालुओं में गोवर्धन पूजा के अवसर पर अन्नकूट का प्रसाद वितरण किया गया। कथा स्थल शगुन वाटिका में आयेाजित श्रीमद् भागवत कथा विश्राम की ओर है और श्रीकृष्ण-रूकमणी मंगल विवाह और श्रीकृष्ण-सुदामा चरित कथा के साथ कथा को विश्राम दिया जाएगा।

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