शिवपुरी जिला बना अवैध, खनन परिवहन का क्षेत्र : मंत्री के कहने पर भी नहीं रुक रहा खनन।
शिवपुरी। शिवपुरी जिला अवैध खनन कारोबारी का अड्डा बन गया है। यह बेखौफ होकर खनन कारोबारी अपने कार्य को अंजाम देने में लगे हुए हैं और खनिज विभाग सिर्फ खानापूर्ति की कार्रवाई कर रहा है। बता दे कि यहां मानचित्रकार को निरीक्षक बना दिया गया है वह अपनी गिनी चुनी टीम के साथ कार्रवाई करने के लिए जाते हैं और एक दो वाहनों पर ओवरलोडिंग की कार्रवाई कर वरिष्ठ अधिकारियों को बता दिया जाता है कि वह अपना कार्य कर रहे हैं। कई ऐसी वाहन है जो खनिज संपदा की ओवरलोडिंग कर निकलते हैं लेकिन कार्रवाई सिर्फ नाम मात्र की होती है और बाकी की कार्रवाई कहां धरी रह जाती है पता नहीं चलता। खनिज अधिकारी कुछ ही माह में सेवा निवृत होने वाले हैं और उनकी कुर्सी पर अन्य कर्मचारी निगाहें रखे हुए हैं कि उनको यह प्रभार मिल जाए और वह अपने कार्य को और आसानी से अंजाम दे सकें।
खनिज हुआ की लापरवाही का आलम शहर में ही देखा जा सकता है यहां कई जगह अवैध फड़ संचालित है इनको संरक्षण किसने दे रखा है या फिर संरक्षण के बदले ले देकर काम चलाया जाता है। शासकीय कर्मचारी ही राजस्व को चूना लगाने में लगे हुए हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को सब कुछ दिखाई देने के बाद भी आंखें बंद कर बैठे हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया की बात का भी कोई असर नहीं
सिंधिया जी लोकसभा चुनाव के दौरान आम नागरिकों से आमसभा में कहा था कि वह अपने क्षेत्र में किसी भी तरह का अवैध कार्य नहीं होने देंगे लेकिन हो इसके उल्टा रहा है जिले में धड़ल्ले से अवैध कार्य हो रहे हैं यहां खनन एक सबसे बड़ा मुद्दा है जिसको कोई भी नहीं रोक पा रहा है। कारण सब जानते हैं। खनन कारोबारियों ने शिवपुरी जिले को अपना अघोषित घर बना लिया है क्योंकि अधिकारियों के लचीलेपन और मजबूत नेतृत्व ना होना इसकी वजह है।
कई नियमों का पालन नहीं कर रहे क्रेशर प्लांट संचालक
बता दे कि जिले में एक दर्जन से अधिक क्रेशर चल रहे हैं जिनमें से अधिकतर क्रेशरों पर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और खनिज विभाग द्वारा निर्धारित की गई 6 मीटर खुदाई से भी अधिक मीटर की खुदाई की जा रही है। वही कई क्रेशर प्लांट पर दीवार भी नहीं खड़ी हुई है जिस कारण आसपास के लोग धूल मिट्टी से परेशान हो रहे हैं