क्या ब्राह्मण समाज की गिनती इस देश में नहीं होती ॽ
ब्राह्मण को केवल कर्तव्य नहीं अधिकार भी चाहिए
शिवपुरी। अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन जिला इकाई शिवपुरी की रविवार को नरेंद्र नगर शिवपुरी में पंडित रामस्वरूप भार्गव के निज निवास पर मासिक बैठक आयोजित हुई बैठक में सबसे पहले मुख्य अतिथि पंडित राजाराम भार्गव एवं बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कान्त शर्मा व विशिष्ट अतिथि पंडित हरीवल्लव शर्मा एवं राम बल्लभ पाराशर ने भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर मंगलाचरण कर बैठक का शुभारंभ किया । पंडित सुरेश भार्गव ने अपने उद्बोधन में कहा हम सब अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन की ओर से सरकार पर पक्षपात का इल्जाम लगाते हैं कि ब्राह्मण समाज को शिक्षा में मदद मिलती है न नौकरी में हिस्सा ई डब्लू एस आरक्षण को भी बताया धोखा ।
पंडित महावीर उपाध्याय ने कहां कि जातिगत जनगणना को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। कुछ लोग इसके पक्ष में है तो कुछ विपक्ष में है, राजनीतिक पार्टियों में भी उसका श्रेय लेने की हौड मची हुई है। ऐसे में अब अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने कहा कि जातिगत जनगणना के नाम पर हो रहा है यह नाटक देश को बांटने का सु नियोजित प्रयास है। पंडित बालमुकुंद पुरोहित ने बताया कि ब्राह्मण समाज के बच्चे आज भी बिना किसी सरकारी मदद के संघर्ष कर रहे है उन्हे न मुफ़्त शिक्षा न काफी किताबें न स्कूल ड्रेस न स्कॉलरशिप न छात्रावास सुविधा और न ही नौकरी में आरक्षण जब देश के संविधान में समानता का अधिकार दिया गया है तो फिर ब्राह्मणों को आरक्षण क्यों नहीं। क्या ब्रह्माण समाज संविधान का हिस्सा नहीं हैॽ सरकार द्वारा सामान्य वर्ग को ई डब्ल्यू एस को जो 10% आरक्षण दिया है वह आरक्षण नहीं एक धोखा है। इसमें इतनी शर्तें लगा दी गई है कि अधिकांश जरूरतमंद ब्राह्मण परिवार इसका लाभ नहीं ले पाते यानी कि यदि कोई गरीब ब्राह्मण के पास एक पुराना ट्रैक्टर या पुश्तैनी जमीन है तो उसे आरक्षण नहीं मिलेगा, जबकि दूसरी ओर जाति के आधार पर कुछ वर्गों को बिना किसी शर्त जांच के सीधे आरक्षण मिल जाता है चाहे वह है किसी बड़े उद्योगपति या किसी अधिकारी का बेटा हो चाहे उसके पास बंगला, गाड़ी, और करोड़ों की संपत्ति ही क्यों ना हो जहां गरीब को उसके साधनों के कारण वंचित कर दिया जाए और अमीर को उसकी जाति के कारण लाभ दे दिया जाए यह ठीक नहीं है। पंडित बालकृष्ण मिश्रा ने कहा कि जातिगत जनगणना यदि केवल कुछ वर्गों को संतुष्ट करने और राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है तो यह संविधान और न्याय दोनों का अपमान है। पंडित कैलाश नारायण भार्गव ने कहा कि ब्राह्मण समाज को हमेशा कर्तव्य ज्ञान और तपस्या का प्रतीक माना गया लेकिन आज उसी समान को योजनाबद्ध तरीके से योजनाओं से वंचित किया जा रहा है । पंडित राम वल्लभ पाराशर ने कहा कि हम सरकार से पूछते है क्या जातिगत जनगणना में ब्राह्मण समाज को आर्थिक और सामाजिक स्थिति का भी निष्पक्ष आकलन किया जाएगा ॽ।
पंडित नलिन अवस्थी ने कहा कि देश में लाखों ब्राह्मण छात्र गरीबी में उच्च शिक्षा से वंचित है लेकिन उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती । अब समय आ गया है कि ब्राह्मण समाज को भी उनकी संख्या, स्थिति और योगदान के अनुसार सम्मान और हिस्सेदारी मिली, *हमें केवल कर्तव्य नहीं अधिकार भी चाहिए* और यह अधिकार हमारा संवैधानिक हक है पंडित हर गोविंद शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने उपेक्षा जारी रखी तो ब्राह्मण समाज लोकतांत्रिक तरीकों से सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराएगा अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन ने जातिगत जनगणना को इस पक्षपात पूर्ण स्वरूप और दोहरे मापदंडों को सिरे से खारिज करते है। बैठक में मुख्य रूप से एन पी अवस्थी डॉक्टर सी पी उपाध्याय सुरेंद्र पाठक राम प्रकाश शर्मा एच एस शर्मा सुरेश पांडे आदि उपस्थित थे अंत में गजानंद शर्मा ने आभार व्यक्त किया।