परिमल समिति का संस्कृति पर्व प्रारम्भ,
प्रथम चरण में विभिन्न प्रतियोगिता हुई आयोजित।
शिवपुरी:सामाजिक संस्था परिमल समाज कल्याण समिति का संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के मंत्र के साथ संस्कृति पर्व विभिन्न प्रतियोगिताओं के साथ प्रारम्भ हुआ,जिसमे 100 से अधिक बच्चों,युवाओं व महिलाओं ने भाग लेकर पर्व की अच्छी शुरुआत की।
स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर में चित्रकला,भाषण,कथा कथन व कहानी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।जिसमें सर्वप्रथम सफल उधमी पारस जैन,यशपाल रावत व वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद भार्गव ने अपना उद्वोधन दिया।
संस्कृति पर्व की जानकारी व उद्देश्य बताते हुए परिमल समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा ने कहा कि संस्कृति पर्व साहित्य की विलुप्त होती जा रही विधाओं को बचाने व भारतीय गौरव पूर्ण संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए है।इसके प्रथम चरण में आज ये प्रतियोगिता तो 20 जुलाई को कहानी प्रशिक्षण,27 जुलाई को दादा दादी ,नाना नानी की कहानी प्रतियोगिता 3 अगस्त को महिलाओं का जाग्रति कार्यक्रम और 10 अगस्त को शौर्य निनाद अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व पुरुष्कार वितरण के साथ आयोजन का एक माह पश्चात विधिवत समापन होगा ।शर्मा ने कहा कि शिवपुरी में उल्लेखनीय कार्य करने वाले सामाजिक ,साहित्यिक लोगो के जीवन चरित्र पर एक चल चित्र भी तैयार किया जा रहा है,जिसे स्थान स्थान पर दिखाया जायेगा व ऐसी विभूतियों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी लोगो तक पहुचाई जायेगी ताकि नई पीढ़ी प्रेरणा इनसे ले सके।
इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद भार्गव ने कहा कि युवाओं की सोच वैज्ञानिक होनी चाहिए हमारा दर्शन हमारा ज्ञान भी विज्ञान सम्मत है,उसमें से अंधविश्वास व रूढिया जो पैरों में बेड़ियां डाले उनसे मुक्त रहना चाहिए। सफल उधमी व समाजसेवी सी ए पारस जैन ने कहा कि मेरे पिता ने बहुत छोटी पान की दुकान चलाकर हम भाइयों को पढ़ाया,संस्कार दिए उनकी वजह से ही हम सफल है,इस लिए माता पिता गुरुजन ही सबसे बड़े है,उनका आशीष ही हमारी पूंजी है।समाजसेवी यशपाल रावत ने कहा कि हाइवे पर दुर्घटना की सूचना मिलने पर शासकीय व्यवस्था के लोग बाद में पहुचते है पंरन्तु में व मैरी टीम पहले पहुचती है,हमने सैकड़ो लोगो की जान बचाई है,ये हमारी संस्कृति है और बचाना, बढ़ाना व संवारना ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए।इस अवसर पर जिला पंचायत सदस्य भूपेंद्र रावत भी मौजूद रहे।श्याम बिहारी सरल ने प्रतियोगिता की पूरी जानकारी दी।प्रतियोगिता के निर्णायक रूप में प्रमोद भार्गव,ब्रजेश तोमर,अशोक अग्रवाल, रेणु अग्रवाल,आकांक्षा गौड़, आरती जैन पत्रकार,हेमलता चौधरी,शिवा पराशर,अभिषेक दुबे,बसंत श्रीवास्तव,प्रदीप अवस्थी,अमान खान,डेविड शर्मा,योगेंद्र शुक्ला,राकेश मिश्रा रंजन,मौजूद रहे।14 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक के प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया,व उत्साह प्रकट किया।कार्यक्रम का संचालन प्रदीप अवस्थी तो आभार धर्मेंद्र धाकड़,रजनी राठौर व दिनेश प्रजापति ने व्यक्त किया।