यूआईटी आरजीपीवी शिवपुरी में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ‘सुभारंभ’ इंडक्शन प्रोग्राम का भव्य आयोजन।
शिवपुरी। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के तकनीकी संस्थान यूआईटी आरजीपीवी शिवपुरी में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ‘सुभारंभ’ इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन बड़े उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। यह कार्यक्रम 18 अगस्त से 22 अगस्त 2025 तक चला । इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल विश्वविद्यालय और संस्थान की संरचना एवं कार्यप्रणाली से परिचित कराना था, बल्कि उन्हें विभिन्न तकनीकी, शैक्षणिक, व्यावसायिक और व्यक्तित्व विकास से जुड़े विषयों पर मार्गदर्शन प्रदान करना भी था।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नम्रता गुप्ता (इंचार्ज, इंडक्शन प्रोग्राम) के निर्देशन में किया गया। प्रो. एस. सी. चौबे (निदेशक, यूआईटी आरजीपीवी शिवपुरी), प्रो. प्रियंक लोहिया (डीन अकादमिक्स), एवं प्रो. एस. के. धाकड़ (डीन एडमिनिस्ट्रेशन) ने संयुक्त रूप से कॉलेज के विभिन्न विभागों के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। विद्यार्थियों को संस्थान के चारों प्रमुख विभागों का परिचय देते हुए, उनके कार्यक्षेत्र, प्रयोगशालाओं, शोध कार्यों और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया। श्री विवेक श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग, भविष्य के रोजगार के अवसरों और तकनीकी कौशल विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।इसके बाद सभी विभागों के एचओडी ने अपने-अपने विभाग की विशेषताओं को प्रस्तुत किया और विद्यार्थियों को विभागीय भ्रमण कराया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि वक्ताओं ने विद्यार्थियों को विविध विषयों पर प्रेरणादायक एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिए। श्री विपिन शुक्ला (मुख्य संपादक, मामा का धमाका) ने “युवाओं पर मीडिया का प्रभाव” विषय पर सारगर्भित प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने बताया कि आज के डिजिटल युग में मीडिया कैसे युवा पीढ़ी के विचारों, दृष्टिकोण और कैरियर निर्माण को प्रभावित करता है।
डॉ. एल. डी. गुप्ता (सेवानिवृत्त प्राचार्य, शासकीय पीजी कॉलेज, शिवपुरी) ने भारतीय ज्ञान प्रणाली पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने भारतीय शिक्षा, संस्कृति और पारंपरिक विज्ञान की महत्ता बताते हुए कहा कि यह ज्ञान आधुनिक तकनीक के साथ मिलकर विद्यार्थियों के समग्र विकास में सहायक हो सकता है।
इसके अलावा,संस्थान की सह-पाठ्यक्रम एवं छात्र गतिविधियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। प्रो. पिंकेज सिंह ने एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) की गतिविधियों और उसमें छात्रों की भागीदारी के महत्व पर चर्चा की। प्रो. नरेंद्र धाकड़ ने एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) की उपलब्धियों और अनुशासन निर्माण में उसकी भूमिका के बारे में बताया। प्रो. रोशनी जायसवाल ने स्टूडेंट सेक्शन की कार्यप्रणाली और छात्र सुविधा प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला। प्रो. मोनू राम त्यागी ने खेल गतिविधियों एवं उपलब्ध खेल सुविधाओं की जानकारी दी। वहीं, श्रीमती पूजा धाकड़ ने लाइब्रेरी संसाधनों, ई-लर्निंग सुविधाओं और पुस्तकों की उपलब्धता के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में प्रो. प्रियंक लोहिया (प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट अधिकारी) ने प्लेसमेंट प्रक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने पिछले वर्ष के प्लेसमेंट आँकड़े साझा किए, जिनमें विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों में विद्यार्थियों की नियुक्तियों का विवरण था। साथ ही, उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि प्लेसमेंट के लिए किन-किन कौशलों पर कार्य करना आवश्यक है और कॉलेज में आयोजित होने वाली प्लेसमेंट गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी का क्या महत्व है।
इस अवसर पर डॉ. संगीता चौहान, ईसी सदस्य आरजीपीवी भोपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक समरसता ही राष्ट्र निर्माण की आधारशिला है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने जीवन में समानता और सहयोग की भावना विकसित करने का आह्वान किया।
संत श्री ऋषभदेवानंद जी महाराज ने आदर्श गौशाला की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गौसंवर्धन भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आत्मा है। उन्होंने गैस आरक्षण जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी विद्यार्थियों को जागरूक किया।
वहीं श्रीमती रंजना चतुर्वेदी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, शिवपुरी ने नशा मुक्ति विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति, परिवार और समाज तीनों के लिए विनाशकारी है। विद्यार्थी जीवन में नशे से दूरी बनाकर ही उज्ज्वल भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।
अंत में, प्रो. एस. सी. चौबे (निदेशक) ने सभी नवप्रवेशित विद्यार्थियों का हार्दिक स्वागत किया और उन्हें अपने जीवन के इस नए अध्याय में सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यूआईटी आरजीपीवी शिवपुरी विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय तकनीकी शिक्षा और उत्कृष्ट कैरियर अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
यह सुभारंभ कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ, बल्कि इससे उन्हें अपने संस्थान, संकाय, विभागों और भविष्य की संभावनाओं के बारे में स्पष्ट समझ भी प्राप्त हुई। कार्यक्रम के सफल आयोजन में संकाय सदस्यों, स्टाफ और वरिष्ठ विद्यार्थियों का विशेष योगदान रहा।