दोहरे हत्याकांड में फरार ₹10,000 की इनामी आरोपी गिरफ्तार।
पिछोर। - पिछोर पुलिस ने बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में फरार चल रही ₹10,000 की इनामी आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान रूबी लोधी पत्नी विजयभान लोधी के रूप में हुई है, जिसे आज माननीय न्यायालय में पेश किया गया।
घटना का विवरण
यह मामला 27 जून 2025 को तब शुरू हुआ जब थाना पिछोर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। शिवेदा लोधी ने अपने पति हरगोविंद लोधी और बेटे पुष्पेंद्र लोधी के लापता होने की सूचना दी थी, जो शाम 4 बजे अपने खेत पर गए थे और उसके बाद उनका फोन बंद आ रहा था। शिवेदा ने कुछ लोगों के साथ पुरानी रंजिश का भी संदेह व्यक्त किया था।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक श्री अमन सिंह राठौड़ के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजीव मुले और एसडीओपी पिछोर श्री प्रशांत शर्मा के मार्गदर्शन में तुरंत टीमें गठित की गईं। पुलिस ने संदिग्धों, ज्ञान सिंह लोधी और चिंटू उर्फ महेंद्र लोधी को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने साथियों पुन्ना उर्फ पुष्पेंद्र लोधी, विजयभान लोधी, दिनेश लोधी, अनिल लोधी और रूबी लोधी के साथ मिलकर हरगोविंद लोधी और उनके बेटे पुष्पेंद्र की हत्या कर दी थी। उन्होंने शवों को फील्ड फायर रेंज के जंगल में एक कुएं में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर दोनों शवों को कुएं से बरामद कर लिया।
पुलिस की कार्यवाही
इस मामले में, थाना पिछोर में अपराध क्रमांक 369/25 के तहत भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 103(1), 238, 191(2), 191(3) और 190 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने पूर्व में ही छह आरोपियों - ज्ञान सिंह लोधी, चिंटू उर्फ महेंद्र लोधी, विजयभान लोधी, पुन्ना उर्फ पुष्पेंद्र लोधी, दिनेश लोधी और अनिल कुमार लोधी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया था।
मामले की मुख्य आरोपी रूबी लोधी लगातार फरार चल रही थी, जिसकी गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट भी जारी किया गया था। आज मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने रूबी लोधी को बस स्टैंड पिछोर से गिरफ्तार किया और उसे माननीय न्यायालय में पेश किया।
इस सफल गिरफ्तारी में थाना प्रभारी उमेश उपाध्याय, उप निरीक्षक बी.एल. दोहरे, उप निरीक्षक संजय लोधी, सहायक उप निरीक्षक जहान सिंह, सुबोध टोप्पो, परमाल सिंह, अरविंद सगर, प्रधान आरक्षक रामहेत सिंह, आरक्षक धर्मेंद्र और कमल गुर्जर की सराहनीय भूमिका रही।