विस्थापन के डर से सहमे 40 साल से खेती कर रहे सहरिया आदिवासी, कलेक्टर से मांगी मदद।
शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पाडरखेड़ा और गंजीपुरा गांवों में रहने वाले सहरिया आदिवासी समुदाय के लोग पिछले 40 सालों से जिस जमीन पर खेती करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं, उस पर बाउंड्री का निर्माण होने से उनके सामने विस्थापन और भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। समुदाय ने इस संबंध में कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपकर मदद की गुहार लगाई है।
क्या है पूरा मामला?
सहरिया समुदाय के लोगों का कहना है कि वे पाडरखेड़ा तालाब के पास की जमीन पर पिछले 40 वर्षों से खेती करते आ रहे हैं। यह जमीन उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है। हाल ही में इस जमीन के चारों ओर बाउंड्री बनाने का काम शुरू हो गया है, जिससे उनकी खेती बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
भुखमरी का खतरा
ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि बाउंड्री निर्माण से उनके सामने विस्थापन का संकट खड़ा हो गया है। अगर उनकी खेती बंद हो जाती है, तो उनके परिवारों के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी है कि इससे उनके जीवनयापन का साधन छिन जाएगा।
कलेक्टर से गुहार
सहरिया परिवारों ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि बाउंड्री का निर्माण उनकी खेती वाली जमीन को छोड़कर किया जाए। इससे वे अपनी खेती बिना किसी रुकावट के जारी रख सकेंगे और उनका जीवनयापन सुचारू रूप से चल सकेगा। समुदाय ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन उनकी समस्या पर ध्यान देगा और उन्हें न्याय मिलेगा।