शिवपुरी में बेलगाम सट्टे का कारोबार, बर्बाद हो रहे परिवार; पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशा।
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में अवैध जुए और सट्टे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। शहर के गली-मोहल्लों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक सट्टे के जाल ने हजारों परिवारों को अपनी चपेट में ले लिया है। एक रुपए को 90 गुना करने के लालच में युवा, महिलाएं और बच्चे तक इस गोरखधंधे में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं, जिससे उनकी जिंदगी बर्बाद हो रही है।
खुलेआम चल रहा है 'काला खेल'
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सट्टे का कारोबार अब चोरी-छिपे नहीं, बल्कि खुलेआम काउंटर लगाकर चलाया जा रहा है। यह पूरा खेल एक 'चेन सिस्टम' पर आधारित है, जिसमें बड़े खाईवाल अपने एजेंटों के माध्यम से लाखों रुपए का सट्टा लगवाते हैं। इन एजेंटों के पास सट्टे की पर्ची होती है, जो 'चेक' की तरह काम करती है और नंबर आने पर तुरंत भुगतान कर दिया जाता है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
पुलिस द्वारा समय-समय पर कार्रवाई किए जाने के बावजूद, इस अवैध धंधे पर लगाम नहीं लग पा रही है। पुलिस छोटे-मोटे सटोरियों को पकड़कर खानापूर्ति कर लेती है, लेकिन बड़े खाईवाल आसानी से बच निकलते हैं। जानकार बताते हैं कि इस धंधे से होने वाली मोटी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सांठगांठ के नाम पर खर्च किया जाता है। हाल ही में पुलिस ने जुए के एक बड़े फड़ पर छापामारी कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया था और एक करोड़ रुपए की गाड़ियां जब्त की थीं, लेकिन मुख्य सरगना मौके से फरार हो गए थे।
युवाओं पर बुरा असर
सट्टे के इस कारोबार का सबसे बुरा असर युवाओं पर पड़ रहा है। 'जल्दी अमीर बनने' की चाहत में बेरोजगार युवा इस धंधे में फंस रहे हैं और अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं। जब वे कर्ज में डूब जाते हैं, तो उनके पास चोरी, लूटपाट और अन्य आपराधिक गतिविधियों का रास्ता बचता है। यह स्थिति सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचा रही है, क्योंकि सट्टे की लत के कारण परिवारों में कलह और तनाव बढ़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक
सट्टे के इस बेलगाम कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस तरह के अपराधों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बावजूद, जमीन पर स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। आम जनता और सामाजिक कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि पुलिस को इस मामले में और अधिक सक्रियता दिखानी चाहिए और केवल छोटे-मोटे लोगों पर कार्रवाई करने की बजाय, इस पूरे गिरोह की कमर तोड़नी चाहिए।