शिवपुरी : उच्च न्यायालय ने प्रख्यात स्कूल सेंट चार्ल्स स्कूल को कुछ दिनो पूर्व प्रवेश पर DEO शिवपुरी द्वारा लगाए प्रतिबंध के आदेश पर लगाया स्टे।

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खबर शिवपुरी जिले में संचालित होने वाले प्रख्यात स्कूल सेंट चार्ल्स स्कूल को कुछ दिनो पूर्व प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। डीईओ शिवपुरी के इस आदेश को लेकर स्कूल प्रबंधन के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया स्कूल की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय के द्वारा लगाया प्रतिबंध हटा दिया गया है,जो अगली सुनवाई तक जारी रहेगा। साथ ही जिला शिक्षा विभाग स्कूल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकेगा।

अगर माननीय न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया गया तो कोर्ट की अवमानना मानी जायेगी। इस आदेश की एक प्रति प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्कूली शिक्षा विभाग भोपाल,कलेक्टर शिवपुरी सहित जिला शिक्षा अधिकारी शिवपुरी को भेजी गई है। साथ उक्त मामले की अगली सुनवाई के लिए संबंधित को नोटिस जारी किए गए है। सेंट चार्ल्स स्कूल की तरफ से कोर्ट में एडवोकेट प्रशांत शर्मा ने पैरवी की । अब इस आदेश के बाद सेंट चार्ल्स स्कूल बच्चों के प्रवेश जारी रख सकेगा।

 आदेश कुछ इस प्रकार है : 

प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग वल्लभ भवन, भोपाल म.प्र.

* कलेक्टर,शिवपुरी, जिला शिवपुरी म.प्र.

* जिला शिक्षा अधिकारी, शिवपुरी म.प्र.

संदर्भ: डब्ल्यू.पी. में पारित आदेश दिनांक 27-06-2023 क्रमांक

14346/2023.

सर/मैडम,

1. यह कि, आपने दिनांक 09-06-2023 को आदेश जारी किया है जिसके तहत आवेदक को संस्थान में कोई प्रवेश नहीं लेने का निर्देश दिया गया है क्योंकि उनके पास शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत संबद्धता नहीं है।

2. आवेदक ने डब्ल्यू.पी. को प्राथमिकता दी है। क्रमांक 14346 / 2023 माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 09-06-2023 से पहले, जिसके तहत आपने आवेदक को संस्थान में प्रवेश लेने से रोक दिया है।

3. यह कि, माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिनांक 27-06-

2023 के माध्यम से दिनांक 09-06-2023 के आदेश के प्रभाव और संचालन पर रोक लगा दी है और विभाग के लिए नोटिस जारी किए हैं। माननीय उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश खंडपीठ, ग्वालियर द्वारा पारित आदेश की प्रति, आपके अवलोकनाथ

4 : चूंकि माननीय न्यायालय ने दिनांक 09-06-2023 के आदेश पर रोक लगा दी है, विभाग आवेदक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है अन्यथा यह माननीय उच्च न्यायाल आदेश का जानबूझकर उल्लंघन माना जाएगा।

इस प्रकार, विभाग से अनुरोध है कि आवेदक के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए और माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 27-06-2023 का अनुपालन करने का अनुरोध किया जाए।


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