शिवपुरी : मेडिकल कॉलेज की नर्स ने किया आत्महत्या का प्रयास। तीन पेज के सुसाइड नोट में डीन समेत तीन अन्य पर लगाए मानसिक प्रताड़ना के आरोप।

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शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज में सोमवार को एक स्टाफ नर्स ने नींद की गोली खाकर डयूटी के दौरान सुसाइड करने का प्रयास किया। सुसाइड करने से पहले नर्स ने 3 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था।

इस सुसाइड नोट में स्टाफ नर्स ने कॉलेज के डीन सहित अन्य तीन डॉक्टर को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। गनीमत रही कि सुसाइड नोट की कॉपी स्टाफ नर्स ने नींद की गोली खाने के बाद अपनी भतीजी को भेज दी थी। जिससे उसकी जान भतीजी ने मेडिकल कॉलेज में पहुंचकर बचा ली। इसके बावजूद स्टाफ नर्स की हालत गंभीर बनी हुई है।

डयूटी के दौरान किया सुसाइड अटेम्प्ट

सोमवार शाम शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एक नर्स लोकेश नामदेव ने मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी के दौरान नींद की गोलियां खाकर मेडिकल कॉलेज के एक रूप का दरवाजा बंद लिया। इस दौरान नर्स ने लोकेश नामदेव ने सुसाइड नोट लिखकर अपनी भतीजी आकांक्षा नामदेव को भेज दिया। सुसाइड नोट में नर्स ने लोकेश नामदेव ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. केबी वर्मा, डॉ. आशुतोष चौधरी, नर्स सीमा व अंजुलता राय को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था।

सुसाइड नोट मिलते ही नर्स लोकेश नामदेव की भतीजी आकांक्षा ने मेडिकल कॉलेज में पहुंचकर अपनी मौसी लोकेश की तलाश की जहां लोकेश ने अपने आप को मेडिकल कॉलेज के एक कमरे में कैद कर रखा था। इसके बाद दरवाजा तोड़ नर्स लोकेश नामदेव को बाहर निकाला गया। नर्स बेहोशी के हाल मिली थी। जहां उसकी अब भी हालत गंभीर बनी हुई है। बता दें, नर्स अपनी ड्यूटी में बदलाव चाहती थी इसकी कई अर्जियां वह कॉलेज प्रबंधन को सौंप चुकी थी।


यह लिखा है नोट में....

मैं लोकेश नामदेव आज 4 सितंबर 2023 को आत्महत्या करने जा रही हूं। जिसके जिम्मेदार डॉ. केबी वर्मा, डॉ.आशुतोष चौरसी एवं मेटरन सीना थामस एवं मेटरन अंजू लता राय होगी। इन चारों द्वारा मुझे ड्यूटी को लेकर परेशान किया जाता है। पहले मेरा 18/8/2023 को एक्सीडेंट हुआ और और आज 4/09/2023 को भी मैंने डॉ. केबी वर्मा और डॉ. आशुतोष चौरशी के बहुत हाथ पैर जोड़े मगर कोई कोई कुछ समझने को तैयार ही नहीं है।

किसी की मजबूरी का जब फायदा उठाया जा रहा है। यदि में मर गई ये चारों जिम्मेदार होंगे। अंजू लता राय एवं सीना थामस का कहना रहेगा कि हम छुट्टी पर थे। मगर सीना 7/8/23 से छुट्टी गई एवं अंजू लता राय तो हैं। सबको सबकुछ पता होते हुए भी मुझे परेशान किया का रहा है।

सुसाइड नोट में लोकेश ने अपने पति को संबोधित करते हुए लिखा है कि नामदेव जी जीवन में आपसे कुछ नहीं मांगा, अब शायद बच न सकूं। कान्हा के लिए मैंने अपना पूरा जीवन लगा दिया। सोचा था बहुत अच्छा इंसान बनाऊंगी, मगर ऐसा लगा मैं अपना सब कुछ हार गई।

आपसे हो सके तो उसे अच्छा इंसान बना देना, न कि दूसरा गजेंद्र नामदेव। यदि इस बीच मेरी मौत हो जाती है तो आप मुझे हाथ भी मत लगाना। मेरे पैसे से ही मेरी व्यवस्था कर देना और सात माह बाद लक्की की पढ़ाई पूरी हो तो उसे उसके घर पहुंचा देना। आगे मुझे नहीं पता। लास्ट बार घर से गए थे तो बोल गए थे न फोन करना, न बात करना। मैंने आपकी बात रख दी। मेरे पास पूरे कागज रखे हैं जो सबूत के तौर पर हैं।

सुसाइड नोट में लोकेश ने अपने हस्ताक्षर करने के बाद लिखा है कि जब भी कुछ अपने लिए बोली तो सीआर खराब करने की धमकी दी जाती है। अधीक्षक द्वारा धमकी दी जाती है जो 181 लगाई है उसको वापस नहीं ली तो तुम ऐसे ही परेशान रहोगी। बहुत कुछ सुनने के बाद आज मैं आत्महत्या कर रही हूं, इसी मेडिकल कॉलेज में।

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