ठाकुर जी की कथा का संयोग,अनेक जन्मों के पुण्य संस्कारों के उदय होने के वाद ही संभव - वासुदेव नंदिनी।

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ठाकुर जी की कथा का संयोग,अनेक जन्मों के पुण्य संस्कारों के उदय होने के वाद ही संभव - वासुदेव नंदिनी .

ग्राम सेसई सड़क , वरसाना कालोनी जैन मंदिर रोड़ पर माता शेरों वाली प्रांगण मैं मूर्ति स्थापना के


साथ ही श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ।


शिवपुरी से पधारी कथावाचक बालयोगी पं.वासुदेव नंदिनी भार्गव ने कथा के प्रथम दिवस मैं श्रीमद्भागवत कथा के महत्म पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन सिर्फ ठाकुर जी की भक्ति और परमात्मा की प्राप्ति के लिए ही हुआ है ।श्री मद्भागवत पुराण मनुष्य को परमात्मा तक पहुंचने का सही दिशा ,रास्ता वताता है। सारे गृंथों का सार है श्री मद्भागवत पुराण।

मनुष्य को जीवन में जव भी श्री ठाकुर जी कथा कराने या श्रवण करने मैं रुचि आने लगे तव समझ लेना चाहिए कि हमारे जीवन मैं पुण्य एवं अच्छे संस्कारों का उदय होना शुरू हो गया है।

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