शिवपुरी : परिमल समिति का होली मिलन हास्य कवि सम्मेलन सम्पन्न। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में श्रोताओं के लगे ठहाके।

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परिमल समिति का होली मिलन हास्य कवि सम्मेलन सम्पन्न।

देर रात तक चले कवि सम्मेलन में श्रोताओं के लगे ठहाके।

शिवपुरी;- परिमल समाज कल्याण समिति शिवपुरी के द्वारा स्थानीय त्रिवेणी वाटिका में होली मिलन व हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन सफलता के साथ सम्पन्न हुआ,जिसमे विख्यात कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया ,इस अवसर पर उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं का सम्मान भी किया गया,विश्व जल दिवस के अवसर पर कलाकृतियों की भी प्रस्तुति की गई।









आयोजन की शुरुआत भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र शर्मा,सेवा भारती विभाग संयोजक हरज्ञान प्रजापति,गीता पब्लिक स्कूल संचालक गिर्राज शर्मा,जनभागीदारी अध्यक्ष डॉ रश्मि गुप्ता व दूरदराज से आये कवियों ने भारत माता के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलन कर किया।इसी क्रम में पहले कला क्षेत्र से वंदना शिवहरे,शिक्षा क्षेत्र से बदरवास के गोविंद अवस्थी,गायन क्षेत्र से श्रीमती नेहा भार्गव,श्रीमती आरती गौतम,श्रीमती राधा सूर्यवंशी ,श्रीमती चंद्रकला साहू गीतकार व पत्रकारिता क्षेत्र में श्रीमती आरती जैन,सुश्री मनिका शर्मा का अभिनंदन किया गया।

तत्पश्चात कवि सम्मेलन ओज व हास्य कवि आशुतोष ओज के संचालन में प्रारम्भ हुआ।

सर्वप्रथम सुमधुर कंठ से श्यामबिहारी सरल ने सरस्वती वंदना प्रारम्भ की।

ग्वालियर से आये वीर रस के कवि शिवम सिंह सिसौदिया नेस्वराज्य मराठों की नस में और भगवा में लहराता है।

गाथा स्वराज्य की कोंकण की माटी का कण-कण गाता है।।

जब तक अर्णव में नीर बहे, नभ में प्रचण्ड मार्तण्ड रहे।

श्री छत्रपति शम्भाजी का, वैभव-यश अमर-अखण्ड रहे की  प्रस्तुति देकर सभी का मन मोहा।

शिवपुरी के हास्य व्यंग्य कवि आशीष पटेरिया ने अपनी हास्य व्यंग्य की कविता से सभी की तालिया बटौरी।

कवि सम्मेलन का मुख्य आकर्षण लाफ्टर फेम देवास से आये कवि कुलदीप रंगीला ने अपनी हास्य कविताओं से सभी का भरपूर मनोरंजन किया,पहली डुबकी में ईर्ष्या द्वेष से मुक्ति मिली,दूसरी डुबकी से अशांति से मुक्ति मिली,तीसरी डुबकी से पाप से और चौथी डुबकी से पर्स से और धन से मुक्ति मिली सुनाकर व अन्य हास्य कविताओं को सुनाकर कार्यक्रम को ऊंचाइयां प्रदान की।

मुरैना से आई श्रृंगार की कवियित्री संध्या सुरभि ने 

धर्म सनातन की ये ध्वजा आओ मिल फहराएं हम हिंदू हैं हिन्दू हैं आओ मिलकर गाएं हम सुनाई तो बसंत श्रीवास्तव ने 

जब से ब्याह हुआ है मेरा चेहरा मेरा बिगड़ गया, मस्त मलंग सा दिखता था मैं सूख छुहारा रह गया। हास्य गीत सुनाकर भरपूर मनोरंजन किया।कल्पना सिनोरिया ने चौका चूल्हा संभाल रहे पतिदेव जी प्रस्तुत की।

बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुगंधा शर्मा,सदस्य रेखा शर्मा,शैलजा लवंगीकर, व सामजसेवी रेणु शर्मा भी अतिथि रूप में पूरे समय मौजूद रही।

स्वागत उद्वोधन शैलेन्द्र गुप्ता तो अतिथियों कवियों का स्वागत गिर्राज बंसल,संजय कुशवाह,नवनीत सेन,पूनम लोधी ने किया।कवि सम्मेलन का संचालन आशुतोष ओज ने तो आभर प्रकट श्याम बिहारी सरल ने ज्ञापित किया।इस आयोजन को प्रतिवर्ष करने का तय किया गया है।

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