भगवान परशुराम की जयंती की तैयारी जोरों पर।
अ,भा, ब्राह्मण महासभा सनातन ने घर-घर भगवान परशुराम के चित्र _वितरित किए।
शिवपुरी। ब्राह्मण समाज शिवपुरी के तत्वाधान में आगामी 30 अप्रैल को तुलसी आश्रम कत्था मिल के सामने 9 बजे शिवपुरी में परशुराम जयंती मनाई जाएगी।
इसकी तैयारी जोरों पर है इस बात की जानकारी अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा एवं संयोजक अनिल उत्साही ने बताया कि परशुराम जयंती पर ब्राह्मण समाज के शहर के लोग भाग लेंगे। अधिक से अधिक लोग भाग लें इसके लिए लोगों को कॉलोनी बाई कॉलोनी जिम्मेदारी मासिक बैठक में आज रविवार को नरेंद्र नगर में पंडित हरगोविंद शर्मा के निवास पर आयोजित हुई उसमें निर्णय लिया कि घर-घर पहुंच कर प्रोकट्योत्सव में शामिल होने हेतु जिम्मेदारी पंडित एन पी अवस्थी को मनियर मुद्गल कॉलोनी, डॉक्टर सी पी उपाध्याय को शांति नगर पंडित बालमुकुंद पुरोहित को नमोनगर नरसिंह नगर, सतीष सडैया चंद्र कॉलोनी, गजानन शर्मा गायत्री कॉलोनी, कैलाश नारायण भार्गव सिटी सेंटर, सुरेश भार्गव पोहरी रोड अमृत विहार कॉलोनी, ओम प्रकाश शर्मा समाधियां को शिव कॉलोनी , कुंज बिहारी पाराशर प्रियदर्शनी कॉलोनी, विशंभर दयाल दीक्षित को गणेश कॉलोनी, कैलाश नारायण मुद्गल को फतेहपुर रोड, नलिन अवस्थी को आर के पुरम, महावीर प्रसाद उपाध्याय को सिद्धेश्वर कॉलोनी की जिम्मेदारी सोंपी है उत्सव समिति का सहसंयोजक पवन अवस्थी एवं राजकुमार सुडै़या को बनाया है बैठक में ब्राह्मण समाज के जिला अध्यक्ष पंडित पुरुषोत्तम कांत शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भगवान परशुराम के आदर्श को अपनाते हुए समाज की एकजुट का संकल्प लिया जाएगा, उन्होंने बताया कि भगवान परशुराम सदैव सत्य धर्म को आगे बढ़ते रहे हैं सामाजिक बनावट में उनके विचारों को अपनाना चाहिए जयंती पर भगवान परशुराम के प्रति समर्पित कई प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे ।पारित प्रस्ताव में भगवान परशुराम के नाम पर समाज सेवा से जुड़ी योजनाओं को शामिल किया जाएगा भगवान परशुराम के आदर्श को समाज के लोगों को अपनाने की जरूरत है पंडित कुंज बिहारी पाराशर ने कहा कि भगवान परशुराम विष्णु के अवतार माने जाते हैं धरती पर हो रहे अन्याय अधर्म और पाप कर्मों का विनाश करने के लिए उनका जन्म हुआ था उन्हें सात चिरंजीव पुरुषों में एक माना जाता है। वे भगवान शिव की कठोर साधना कर भगवान भोले को प्रसन्न किया था इसके बाद उन्होंने उन्हें कई अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए थे जिसमें से एक परशु यानी फरसाइ उनका प्रमुख हथियार था। आज नरेंद्र नगर में घर-घर पहुंचकर पूरी कमेटी ने भगवान परशुराम के छायाचित्र वितरित कियें और 30 अप्रैल को महोत्सव कार्यक्रम में पहुंचने के लिए आमंत्रण पत्र दिए।