डकैतों के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे नारायण दास त्यागी का हुआ निधन, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई।
डकैतों के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से पहचाने जाने वाले पूर्व उप निरीक्षक नारायण दास त्यागी का गुरुवार को 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन के बाद पुलिस विभाग की ओर से उन्हें राजकीय सम्मान और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी गई।
शिवपुरी निवासी नारायण दास त्यागी ने आरक्षक के पद से पुलिस विभाग में सेवाएं शुरू की थीं और भिंड जिले के मालनपुर थाने से वर्ष 2004 में उप निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। 1980 के दशक में उनका नाम डकैतों के लिए खौफ बन गया था। पुलिस विभाग उन्हें “एंटी डकैत स्पेशलिस्ट” के नाम से जानता था।
वर्ष 1988 में छतरपुर जिले के किशनगंज थाने में पदस्थ रहते हुए उन्होंने दो कुख्यात डकैत कन्हैया सिंह और परसू डकैत का एनकाउंटर कर दिया था। इस मुठभेड़ में खुद नारायण दास त्यागी को गोली लगी थी, लेकिन घायल होने के बावजूद उन्होंने साहस नहीं खोया और दोनों डकैतों को मार गिराया। इस वीरता के लिए उन्हें और उस समय के पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सिंह को राष्ट्रपति द्वारा उत्कृष्ट वीरता पदक से सम्मानित किया गया था।
नारायण दास त्यागी ने गुरुवार को खेड़ापति कॉलोनी स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही आरआई अनिल कवरेती पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया गया।
उनकी बहादुरी, सेवा और समर्पण को याद करते हुए पूरे जिले में शोक की लहर है। वे न सिर्फ एक जांबाज पुलिस अधिकारी थे।