सरकारी स्कूल के निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सदस्य पर मामला दर्ज।
शिवपुरी: शिवपुरी जिले के नांद गांव में स्थित एक सरकारी माध्यमिक स्कूल में निरीक्षण के दौरान विवाद और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह घटना 10 सितंबर की है, जब लोधी स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे थे।
प्रधानाध्यापक ने लगाए गंभीर आरोप
स्कूल के प्रधानाध्यापक अनिल कुमार गुप्ता ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि 10 सितंबर को दोपहर करीब 3 बजे सुरेंद्र लोधी और रामकिशन लोधी बिना अनुमति के स्कूल में घुसे और बच्चों की कॉपियां देखने लगे। उन्होंने बताया कि वे मनीराम लोधी के निर्देश पर निरीक्षण कर रहे थे। कुछ देर बाद मनीराम लोधी भी वहां पहुंच गए और उन्होंने भी कॉपियां दिखाने की मांग की।
प्रधानाध्यापक ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, तो लोधी ने उन्हें धमकी दी। इस दौरान स्कूल में तनाव का माहौल बन गया, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। प्रधानाध्यापक ने इस घटना से संबंधित वीडियो और अन्य दस्तावेज पुलिस को सौंपे हैं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 132, 351(2), और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
लोधी ने आरोपों को बताया 'साजिश'
एफआईआर दर्ज होने के बाद जिला पंचायत सदस्य मनीराम लोधी ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें एक 'साजिश' के तहत फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि वह एक जनप्रतिनिधि के रूप में ग्रामीणों की शिकायतों पर स्कूलों का निरीक्षण कर रहे थे। नांद गांव के स्कूल में उन्हें मिड-डे मील में गड़बड़ी और शिक्षकों की अनुपस्थिति की शिकायत मिली थी।
लोधी ने दावा किया कि उन्होंने स्कूल में कोई नियम नहीं तोड़ा और उनके भांजे को प्रधानाध्यापक ने खुद कॉपियां दिखाई थीं, जिसका वीडियो बाद में 'तोड़-मरोड़कर' पेश किया गया। उन्होंने शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार और लापरवाही को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी इस कोशिश को रोकने के लिए उन पर झूठा मामला दर्ज किया गया है।
मिड-डे मील और शिक्षा की गुणवत्ता पर उठाए सवाल
मनीराम लोधी ने बमना गांव के प्राथमिक स्कूल का भी जिक्र किया, जहां उन्होंने बच्चों को 'अधपकी रोटियां' और 'गर्म पानी जैसी सब्जी' परोसते हुए पाया। उन्होंने इसे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बताया। इसके अलावा, उन्होंने मोहार और दबिया गोपन गांवों के स्कूलों का भी दौरा किया, जहां शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूल के समय पर सवाल खड़े किए गए। मोहार में, उन्होंने बताया कि आठवीं कक्षा का एक छात्र हिंदी की किताब नहीं पढ़ पा रहा था, और दबिया गोपन में, दोपहर 12:30 बजे तक स्कूल में कोई छात्र मौजूद नहीं था।
पुलिस कर रही है मामले की जांच
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिकायत और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। सभी पक्षों से बयान लिए जाएंगे और जांच के बाद तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला जनप्रतिनिधि और शिक्षा विभाग के बीच चल रहे तनाव को उजागर करता है, जहां लोधी अव्यवस्थाओं को उजागर करने का दावा कर रहे हैं, वहीं स्कूल प्रबंधन उन पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगा रहा है।