करई पशु अस्पताल में लटका रहता है ताला,ग्रामीण पशुपालकों का हाल बेहाल।
सार्थक ऐप से हाजिरी व्यवस्था की उड़ाई जा रही धज्जियाँ ।
करैरा:- करैरा अनुविभाग के अंतर्गत आने वाले ग्राम करई के पशु चिकित्सालय में डॉक्टरों की मनमानी और लापरवाही ने ग्रामीण पशुपालकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अस्पताल, जो क्षेत्र के पशुपालकों के लिए एकमात्र सहारा है, अधिकांश समय ताला बंद रहता है। यहाँ पदस्थ मुख्य पशु चिकित्सक 15 से 20 दिन में मुश्किल से एक बार अस्पताल का दौरा करते हैं, जिसके चलते पशुओं को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। ग्रामीणों को अपने बीमार पशुओं को लेकर करैरा या नरवर जैसे दूरस्थ शहरों की ओर रुख करना पड़ता है, जिससे समय की बर्बादी होती । कई बार तो अस्पताल में मौजूद चपरासी या कंपाउंडर केवल झाड़ू लगाकर ताला जड़ देते हैं, जिससे पशुपालकों को खाली हाथ लौटना पड़ता है। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है, क्योंकि पशुधन उनकी आजीविका का मुख्य आधार है। एवं एक दर्जन से अधिक गाँवों का भार यहाँ पर है ।एक स्थानीय पशुपालक रामू केवट ने बताया, “हमारे पशु बीमार पड़ते हैं, लेकिन डॉक्टर साहब कभी दिखते ही नहीं। हमें मजबूरी में दूर जाना पड़ता है, और कई बार पशु बच नहीं पाते।” ग्रामीणों ने आरोप लगाए और बताया कि अस्पताल में न तो दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था है और न ही आवश्यक चिकित्सा उपकरण। जब ग्रामीण अपने पशुओं को लेकर अस्पताल पहुंचते हैं, तो उन्हें अक्सर निजी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदने की सलाह दी जाती है। कई बार कंपाउंडर बिना किसी योग्य डॉक्टर की देखरेख के पशुओं का इलाज करने की कोशिश करते हैं, जो जोखिम भरा साबित होता है। एक अन्य ग्रामीण हेमू ने बताया की, “कंपाउंडर हमें दवा का नाम लिखकर दे देते हैं, लेकिन यहाँ न दवा मिलती है न इलाज। निजी दुकानों से दवा खरीदने की हैसियत हर किसी की नहीं होती।” इस स्थिति ने न केवल पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि उनके पशुओं की सेहत पर भी बुरा असर डाला है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से बार-बार इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन की उदासीनता और डॉक्टरों की अनुपस्थिति ने करई और आसपास के गाँवों में असंतोष की लहर पैदा कर दी है। ग्रामीण अब मांग कर रहे हैं कि अस्पताल में नियमित डॉक्टर की नियुक्ति हो, दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर किया जाए, ताकि उनकी आजीविका को बचाया जा सके।
इनका कहना है ।
(1) में हमेशा स्वास्थ केंद्र आता हूँ, कर्मचारियों की कमी है इस कारण आते जाते रहते है अभी एक कर्मचारी शिवपुरी गया हुआ है : विनय इंदौरिया, प्रभारी पशु चिकित्सालय करई जिला शिवपुरी
(2) अब तो सार्थक ऐप से हाजरी लगती है आज शनिवार है एक घंटे खोलकर बंद कर दिया होगा आप सोमवार को देखना डाक्टर भी मिलेगा और अस्पताल भी खुला मिलेगा : लल्लू राम शर्मा, उपसंचालक जिला शिवपुरी