शिवपुरी : गाँधी पार्क मैदान में कल अखिल भारतीय साहित्य परिषद का क्रांतितीर्थ अभियान का समापन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।सत्तर सालों तक वास्तविक इतिहास को छुपाया गया:कपिल मिश्रा, स्वाधीनता संग्राम के हर नायक को स्मरण करना हमारा उद्देश्य:आशुतोष भटनागर।

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शिवपुरी:अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा पिछले 54 दिवस से चलाये जाने वाले क्रान्तितीर्थ अभियान का विधिवत सामपन शिवपुरी के गांधी पार्क मैदान में हुआ,जिसमे मुख्य वक्ता दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा,पद्मश्री महेश शर्मा झाबुआ, जम्मू कश्मीर शोध पीठ दिल्ली के निदेशक आशुतोष भटनागर,राष्ट्रधर्म लखनऊ  के व्यवस्थापक डॉ पवनपुत्र बादल,प्रवीण आर्य,पंजाबी अकादमी की निदेशक नीरू ज्ञानी,उर्दू अकादमी की निदेशक नुसरत मेहंदी,नीलम राठी,विभा रघुवंशी के साथ साथ स्वतंत्रता समर के नायकों के परिजन भी मंचासीन रहे।इस अवसर पर शिवपुरी की सामाजिक संस्थाओं और व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया।




सर्वप्रथम स्वाधीनता समर पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन व भारत माता के चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलन व मध्यभारत प्रान्त के कोने कोने से आई पवित्र माटी का पूजन  अतिथियों के द्वारा करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया,तत्पश्चात अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांत अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव ने 54 दिवसीय कार्य का वृत्त प्रस्तुत किया।इसके बाद श्रीधर पराडकर द्वारा अनुवादित पुस्तक तिरपाल की जिंदगी व विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी पर आधारित साहित्य परिक्रमा के विशेषांक का विमोचन अतिथियों के द्वारा किया गया।इसके बाद बच्चियों के द्वारा शस्त्र कौशल का प्रदर्शन किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए विद्वान वक्ता पूर्व मंत्री दिल्ली कपिल मिश्रा ने कहा कि सत्तर वर्षों तक गलत इतिहास इस देश मे पढ़ाया गया,ये बात बड़ी जिम्मेदारी से में कहता हूं,इसी वजह से आज देश में जो तमाम समस्याए नजर आती है,उसके मूल में यही कारण है।बच्चों में देश प्रेम के अनुराग में कमी इसी कारण कही न कही कम है।

दिल्ली से आये जम्मू कश्मीर शोध पीठ के निदेशक आशुतोष भटनागर ने कहा कि देश मे जीते हुए युद्धों की बजाय पराजित वाले या उत्साह घटाने वाले विषयो की ज्यादा चर्चा की गई,गौरव गाथाओं को कम प्रचारित करने की वजह से एक सकारात्मकता का वातावरण अपेक्षाकृत कम बना है।

पद्मश्री महेश शर्मा ने कहा कि क्रान्तितीर्थ जैसे आयोजन युवाओ में देश प्रेम की भावना को बढ़ाने वाले तो है ही साथ ही अज्ञात क्रांतिवीरों से युवाओ का परिचय भी कराने वाले है।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त राष्ट्रीय महामंत्री व राष्ट्रधर्म के व्यवस्थापक पवनपुत्र बादल ने कहा कि साहित्य के माध्यम से युवाओ को वास्तविक विषयो से जोड़ने के अपने मूलभूत कार्य के साथ सकारात्मक वातावरण निर्मित करने का कार्य साहित्य परिषद कर रहा है,क्रान्तितीर्थ उसी संकल्पना का एक हिस्सा है।पूरे देश मे क्रांतिवीरों को नमन करने का ये एक माध्यम है।

इस अवसर पर श्रीकृष्ण सरल के बेटे धर्मंद्र सरल भोपाल,आजाद हिंद फौज के संस्थापक सदस्य गुरुबख्श सिंह ढिल्लन की बेटी अमृता मेहरोत्रा बेटे सर्वजीत सिंह ढिल्लन, स्वतंत्रता सेनानी गोपालकृष्ण पौराणिक के भतीजे संदीप शर्मा ,शिक्षाविद मधुसूधन चौबे के साथ गायत्री परिवार,तथागत संस्था,जे सी आई संस्था,स्वच्छता कर्मी,कचरा वाहन के चालको का भी सम्मान किया गया।

कार्यक्रम का संचालन प्रान्त महामंत्री साहित्य परिषद आशुतोष शर्मा तो आभार प्रदीप अवस्थी ने ज्ञापित किया।

इस अवसर पर पूरे प्रान्त के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

दोपहर में शगुन वाटिका में प्रान्त भर से आये साहित्य परिषद के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन भी आयोजित किया गया।

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